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Wednesday, 14 February 2024

वे हाथ-जो.....



वे हाथ-जो, जो धरती को सहारा देते हैं, 
जो अनाज उगाते हैं, जो जीवन देते हैं।

वे हाथ-जो, जो हथौड़ा उठाते हैं, 
जो लोहा गलाते हैं, जो मकान बनाते हैं।

वे हाथ-जो, जो कलाकारी करते हैं, 
जो रंगों से खेलते हैं, जो जीवन को रंग देते हैं।

वे हाथ-जो, जो प्यार बांटते हैं, 
जो मदद करते हैं, जो दुखों को मिटाते हैं।

वे हाथ-जो, जो सच बोलते हैं, 
जो अन्याय के खिलाफ लड़ते हैं, जो क्रांति लाते हैं।

वे हाथ-जो, जो लगातार उग रहे हैं, 
बरस रहे हैं, जो अवतार से ले रहे हैं,

खेतों में, खलिहानों में, सड़कों पर, गलियों में।

वे हाथ-जो, जो दुनिया बदल रहे हैं, 
जो एक नया इतिहास लिख रहे हैं।

वे हाथ-जो, जो हमारे भविष्य हैं, 
जो हमें आशा देते हैं,

वे हाथ-जो, जो हमें प्रेरणा देते हैं, 
जो हमें जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं।

वे हाथ-जो, जो हमें एक करते हैं, 
जो हमें प्यार करते हैं,

शोषण दमन के खिलाफ उठे हुए 
वे हर हाथ हमारे हैं, हम उनके हैं।

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