बेटियों को दंगल में उतारने के लिए
बहुत मेहनत की थी आपने
शरीर को मजबूत बनाने के लिए खिलाया - पिलाया, दौड़ाया और लड़ाया
दिमाग को मजबूत बनाने के लिए सिखाया
तानों को अनसुना करना
और शरीर पर आंख और हाथ डालने वालों को
पीटना भी सिखाया
लेकिन संघ में बैठे
सरकारी लंपटों का क्या करना है महावीर फोगट ?
पदक जीतने के लिए मौन रह जाना है -
या करियर को ताक पर रख
उन लिजलिजे हाथों को तोड़ देना है
दोनों ही स्थितियों में हार बेटियों की ही होनी है
महावीर फोगट
बात ये है महावीर फोगट कि
लड़कियों को पहलवान बनाने के लिए
सब कुछ लड़कियों को नहीं
कुछ बातें लड़कों को भी सिखानी होती है
लड़कों को भी सिखाने के पहले
बहुत सी बातें सत्ता के बृजभूषणों को सिखानी होती है
न मानने पर मनु के इन प्रिय पुत्रों को
दंगल में सबसे पहले धूल चटानी होती है।
आपसे जो भूल हुई थी महावीर फोगट
उसे कुछ लड़कियों ने समझ लिया है
नकली दुश्मनों से अकेले - अकेले लड़कर
सोना, चांदी, कांसा तो जीत ही लेंगी
असली दुश्मनों के खिलाफ
वे साथ मिलकर लड़ रही हैं
सिर्फ अपने लिए नहीं,
आप जैसे पिताओं को सही साबित करने के लिए लड़ रहीं हैं वे
समाज को बचाने के लिए लड़ रही हैं वे
इस दंगल में आप भी जोर लगाइए महावीर फोगट
बृजभूषणों से भरी इस सत्ता को धूल चटाने
सभी पिताओं के साथ आइए महावीर फोगट।
सीमा आज़ाद
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