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Sunday, 25 December 2022

सांताक्लाज की वापसी के लिए

25 दिसंबर, क्रिसमस के अवसर पर, पढ़ें 'नागरिक अखबार' के पूर्व संपादक कॉ. नगेंद्र की कविता:

 *_सांताक्लाज की वापसी के लिए_*

मेरे बच्चों
आज बड़ा दिन है
सुना है
हर साल इसी की रात
सांताक्लाज नाम का एक भला बूढ़ा
आता है दुखियों की मदद के वास्ते
उनके बच्चों को बहुत से तोहफे
और खुशियां बख्शने...
सारी कायनात की

सांताक्लाज के स्वागत में 
सज रहे हैं
बहुत सारे गिरजाघर, महल, होटल और स्कूल भी
लेकिन हमारी बस्ती में उसके आने की कोई खबर ही नहीं
स्कूल के मास्साब को भी उसके आगमन की कोई सूचना नहीं

सुना है अरसा बीत चुका है
सांताक्लाज को हमारी बस्ती से गुजरे
इस बार भी बहुत व्यस्त कार्यक्रम है उसका
अंग्रेजीदां सुकुमारों और सुकन्याओं के वास्ते
वह रख जाएगा तोहफे
क्रिसमस वृक्ष की शाखा पर
गरीब बच्चों के मोजों में
तोहफे छुपाने की उसे फुर्सत कहाँ
सुना है, इस बार उसे खरीद लिया है अपनी बेटी के वास्ते
सौरव गांगुली ने,

बच्चों, तुमने क्रिसमस वृक्ष देखा है?
हां शायद ए. बी. सी. डी वाली किताब में
फ़ॉर... वाले स्थान पर छपा हुआ
बहुत खूबसूरत पेड़ होता है वह
वह आम-अमरूद की तरह आंगन में नहीं उगता
न ही महुआ-बरगद की तरह खेत-जंगल में
बड़े होटलों, महलों और गिरजे की दीवारों के भीतर ही वह उगता है
बिल्कुल विलायती नस्ल के कुत्तों की मानिंद

मेरे बच्चे
कड़ाके की सर्दी में इस बार तुम
सांताक्लाज की राह मत देखना
अब उसे रात के अंधियारे में
गरीब की बस्तियों का चक्कर लगाने का
ख्याल ही नहीं आता
वह तो सुकुमारों-सुकन्याओं के साथ
नाचता गाता रहता है हफ़्तों तक कार्निवाल में
तनिक भी फुर्सत नहीं है उसके पास

सुना है अब होटलों और क्लबों में
कुलीनता व भव्यता के जलवों के बीच
भांडों और अर्द्धवासनाओं के साथ
पॉप और डिस्को की महफिलें सजाता है सांताक्लाज
श्वेत जटाजूट की तनिक भी परवाह किए बगैर

मेरे बच्चों
मत करना विश्वास उनकी बातों पर
जो कहते हैं सांताक्लाज आता है बच्चों के लिए
तोहफे लेकर
वह हमारी बस्ती से नहीं गुजरेगा

लेकिन मेरे प्यारे बच्चों
तुम उदास मत होना
एक राज की बात सुनो
होटलों, महलों और तालीम की दुकानों में
भद्रलोक के सुकुमारों-सुकन्याओं 
को रिझाने वाला
पॉप डिस्को थीक पर थिरकने वाला
यह सांताक्लाज नहीं है
यह तो सांताक्लाज के वेश में
कोई बहरूपिया है

मेरे बच्चों 
सुना है
सात समुद्र पार
डिजनीलैंड नाम के एक तिलिस्मी किले में
एक बहुत बड़े शैतान ने
जिसकी जान एक ईगल में बसती है
कर रखा है कैद तुम्हारे असली सांताक्लाज को
और उसके साथ उन सब परियों को भी
जो बच्चों को स्वर्ग की सैर कराती थीं

इसलिए मेरे बच्चों
हमें धावा बोलना ही होगा
सात समुद्र पार उस तिलिस्मी किले पर
तोड़ना होगा उस शैतान का तिलिस्म
ईगल की गर्दन मरोड़कर
और आज़ाद कराना ही होगा
अपने प्यारे सांताक्लाज और सपनों की परियों को

इसलिए मेरे प्यारे बच्चों
अब हमें सांताक्लाज की राह ताकना छोड़कर।
सांताक्लाज तक पहुंचने की राह ढूंढनी होगी
बहुत जल्द
कहीं तुम्हारी सपनीली दुनिया की परियां बूढ़ी न हो जाएं।



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