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Monday, 14 November 2022

शुरू है हक की लड़ाई


शुरू है हक की लड़ाई 
तुम भी हाथ बढ़ाओ, साथ निभाओ भाई।

छीन लिया है अधिकार तुम्हारा 
अब कलम को तलवार बना लो !
तोड़ दिया ग़र कलम तुम्हारी
गीतों-नारों को हथियार बना लो!

शुरू है हक़ की लड़ाई 
तुम भी हाथ बढ़ाओ, साथ निभाओ भाई। 

लुटेरे जालिमों का सच जान कर
तालीम के लिए मरने वालों को अपना मान लो!
शोषित आवाम को साथ लेकर 
जुल्म के खिलाफ बन्द मुट्ठियाँ अपनी तान लो!

शुरू है हक़ की लड़ाई 
तुम भी हाथ बढ़ाओ, साथ निभाओ भाई। 

पिता को मालिक की मार कब तक सहते देखोगे?
पेट की खातिर माँ को तुमने दर-दर भटकते देखा!
हैवानों से बहनों को कब तलक डरते देखोगे?
उठो, मिटा अमीरी-गरीबी, ऊँच नीच की रेखा! 

शुरू है हक़ की लड़ाई 
तुम भी हाथ बढ़ाओ, साथ निभाओ भाई। 

तेरे हाथों में ही तो कैद है वो नया सबेरा 
तेरे कदमों के बढ़ने से ही छंटेगा ये अंधेरा 
नजर उठा देख ये सारा जहाँ है अपना बसेरा 
इस दुनिया को अब इक तेरा ही आसरा।

शुरू है हक़ की लड़ाई 
तुम भी हाथ बढ़ाओ, साथ निभाओ भाई।

Anjali Yadav

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