#असली_पुरुषोत्तम_चंगेज़_खां
16 साल की उम्र में चंगेज़ ने बोरते से शादी की लेकिन दुश्मन मेर्किट उनकी पत्नी को उठाकर ले गए, उनकी पत्नी को मेर्किट के बलात्कार से एक संतान हुई जोचि।
कुछ सालों बाद जब चंगेज़ ज़बरदस्त युद्ध जीत कर अपनी पत्नी को वापस लाने जाते हैं, तब ना सिर्फ अपनी पत्नी बोरते को बल्कि उसकी संतान जोचि को भी लेकर आते हैं और अपनी ही संतान सा प्यार, दुलार और सम्मान देते हैं।
आगे चलकर भी ताउम्र बोरते उनकी महारानी बनी रहतीं हैं और वे जोचि को कईं राज्यों का प्रमुख बनाकर, सौतेला बाप होते हुए भी एक बेहतरीन पिता की भूमिका निभाते हैं। वे अपनी पत्नी के साथ हुए अत्याचार और बलात्कार के लिए उसे न तो दोषी मानते हैं, न अग्निपरीक्षा माँगते हैं और ना ही दुश्मन की संतान से नफ़रत कर पाते हैं, पत्नी से उनके प्रेम पर कोई भी पुरुषवादी घृणा हावी तक न हो पाई।
इस बात में कोई दो राय नही कि चंगेज़ खां बेहद ख़ौफ़नाक लड़ाकू था, लेकिन प्रेम की समझ उसमे हमारे किसी भी मिथकीय मर्यादा पुरुषोत्तम से बहुत अधिक थी।
इसीलिये जब तक हम दुनिया के बारे में नही जानेंगे, अपनी कपोल कल्पनाओं में विश्वगुरु बने रहेंगे और पूरी दुनिया के सामने हँसी का पात्र और राम को मर्यादा पुरुषोत्तम मानते रहेंगे।
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