आओ हम मार्क्स का जन्मदिन मनाएँ आज के इस काल में विकट बुरे हाल में मार्क्स को पढ़ें और पढ़ाएँ मार्क्स का जन्मदिन मनाएँ। मार्क्स ने कहा था अज्ञान एक शक्ति है राक्षसी डर है कि कारण बनेगा यह कई त्रासदियों की आओ यह राक्षस खदेड़कर भगाएँ मार्क्स का जन्मदिन मनाएँ। मार्क्स का ज्ञान यानी दुनिया का ज्ञान है मार्क्स का विचार तो समाज का विज्ञान है मार्क्स की शिक्षा के गहरे समुद्र में बार-बार हम सब भी डुबकी लगाएँ मार्क्स का जन्मदिन मनाएँ। लोग अनेक हैं ज्ञान भी अनेक है एक ज्ञान वह भी जो भरम को बढ़ाता है हर दुःख के स्रोत को भाग्य में दिखाता है धर्म की शराब में तर्क को डुबाता है ज्ञान यह नक़ली है मगज की ग़ुलामी है ज्ञान के नाम पर अज्ञान की सलामी है ज्ञान के चोले में ऐसे अज्ञान को ठोकर लगाएँ मार्क्स का जन्मदिन मनाएँ। दुःख अगर जीवन में तो दुःख का कारण है कोई स्वर्गलोक नहीं यहीं पर निवारण है कारण को समझें समझाएँ मार्क्स का जन्मदिन मनाएँ। जाने दो तीरथ पर कूपमंडूकों को बकने दो धर्मराग दास-मलूकों को बद्धी और जंतर से क्या होगा भक्ता के कानफूँक मंतर से क्या होगा हम श्रमिक हैं व्यर्थ की क़वायद में जान क्यूँ खपाएँ मार्क्स का जन्मदिन मनाएँ। ज्ञान है नमक इस नमक का स्वाद चखो ज्ञान है मुक्ति इस मुक्ति की कथा रचो ज्ञान है ध्वनि इस ध्वनि को कान दो ज्ञान है अतिथि समुचित सम्मान दो आइए आज से ज्ञान को अपनाएँ मार्क्स का जन्मदिन मनाएँ। मार्क्स का नाम संज्ञान का नाम है मार्क्स का काम तो इतिहास का काम है मार्क्स से प्रेम स्वतंत्रता से प्रेम है मार्क्स से घृणा मनुष्यता से घृणा है मार्क्स से डरें वो जो इतिहास से डरते हैं हम सब तो मार्क्स से असीम प्रेम करते हैं हम सब मज़दूर हैं इतिहास बनाते हैं इसीलिए मार्क्स का जन्मदिन मनाते हैं।
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Thursday, 5 May 2022
'मार्क्स का जन्मदिन’ —ओम प्रकाश रमण
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