आज प्रख्यात मार्क्सवादी इतिहासकार व गणितज्ञ डी.डी. कोसांबी का 115वाँ जन्मदिवस है। इस अवसर पर उनका बेहद प्रासंगिक उद्धरण पढ़ें: मार्क्सवाद के कुछ विरोधी इसे 19वीं सदी के पूर्वाग्रहों पर आधारित एक पुराना पड़ चुका आर्थिक जड़सूत्र कहकर खारिज करते हैं। मार्क्सवाद कभी भी जड़सूत्र नहीं था। महज़ 19वीं सदी में सूत्रबद्ध किये जाने के कारण यह पुराना पड़ चुका और गलत नहीं हो जाता, ठीक वैसे ही जैसे
No comments:
Post a Comment