Total Pageviews

Friday, 19 August 2022

समर्थन मूल्य) की मांग

हालांकि हम जानते है कि पूंजीवाद में सभी कृषि उत्पाद के लिये लाभकारी कीमत की गारंटी नही दी जा सकती, यह सिर्फ समाजवाद में ही सम्भव है; फिर भी अगर ये किसान लहसून  के लिये एक वाजिब कीमत(समर्थन मूल्य) की मांग इस अम्बानी-अडानी की चहेती  सरकार से करे तो इस मांग का विरोध कोई कैसे कर सकता है!लहसुन की कीमत न मिलने पर लहसुन की बोरियो को पानी मे फेका जाए या इस सरकार से लहसुन का समर्थन मूल्य मांगा जाए? 

No comments:

Post a Comment