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Saturday, 1 October 2022

महिषासुर कौन??

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बंग प्रदेश जिसे आज पश्चिम बंगाल कहते हैं में ब्राह्मण धर्म के अनुसार महेष नामक शूद्र वर्ण में पैदा हुआ यादव जाति का राजा था जो बहुत ही वीर क्रान्तिकारी था और बहुत ही मिलनसार और हंसमुख था वह उसके पास बहुत सी गायें और भैंसे थी जिसे ज्यादातर वह चरवाहों के साथ भैस चराने के लिए भी चला जाता था और मजाक में भैंस पर सवारी कर लेता भैस को महिष कहते हैं इसलिए ब्राह्मण लोग उसे महिषासुर कहते थे। 
ब्राह्मणों ने महिषासुर का राज्य हड़पने के लिए कई बार आमने सामने की लड़ाई लडी लेकन हार कर भाग गये अंत में छलकटप जो कि ब्राह्मणों का सबसे बड़ा हथियार है प्रयोग किया और दुर्गा नामक वेशया को इसकी जिम्मेदारी दिया। 

 *दुर्गा कौन??* 

नौ रात्री क्यों? 
नौ दिन क्यों नहीं?? 
👉 क्योंकि कुछ गलत कार्य रात्री में ही होता है। 

दुर्गा आठ हाथों की नहीं दो हाथों की साधारण महिला थी जो कि बहुत खूबसूरत थी यही उसका कसूर था जिसके कारण कुछ दुष्टों ने पश्चिम बंगाल के एक साधारण से परिवार में पैदा हुई दुर्गा को गरीब परिवार से खरीद कर वेश्यालय में बेंच दिया था।
पश्चिम बंगाल में ही महिषासुर नामक श्रमण (बौद्ध) सम्राट था जो कि बहुत ही बलशाली था और उसके राज में सभी सुखी थे।
ब्राह्मणों ने कई बार आमन सामने की लड़ाई लड़ी लेकिन हर बार महिषासुर के आगे टिक नहीं पाये और हार गये।
ब्राह्मणों का इतिहास है कि ब्राह्मण बहुत ही शातिर और बदमाश होते हैं जीतने के लिए शाम दाम दंड भेद यानी किसी भी हद तक जा सकते हैं।
ब्राह्मणों ने शाजिस करके दुर्गा वेश्या को महिषासुर के हत्या की जिम्मेदारी दी।
दुर्गा ने एक एक करके अपनी कला मोहक अदाएं दिखाकर शराब पिलाकर अलग अलग वस्त्र पहनकर नाच दिखाकर रिझाने की कोशिश किया इस तरह से नौ रात्रि लग गई अंत में नवें दिन कामयाब हो गई और महिषासुर की धोखे से हत्या कर दिया।
ब्राह्मणों ने फिर लोगों को गुमराह किया और हत्या को देवी द्वारा सजा का नाम देकर लोगों को मूर्ख बना दिया और नौ देवियाँ बनाकर अपनी कमाई का जरिया बना दिया।
माता किसी की हत्या नहीं कर सकती है और हत्या करने वाले को पूजते नहीं है सजा दिया जाता है।
जिनके हाथों में हथियार है वे भगवान या देवी देवता नही हो सकते हैं जिन्होंने ने हत्या किया है वे हत्यारे है और हत्यारों को पूजने वाले भी दोषी है।
आस्था के नाम कर कब तक मूर्ख बने रहोगे।
तथागत गौतमबुद्ध प्रियदर्शी सम्राट अशोक और सिंबल आफ नालेज बाबा साहब डॉ आंबेडकर के विचारों को अपना कर चलो ब्रह्मणी माताओ को फेक दो सिर्फ अपनी माता-पिता का मान सम्मान दो और उनकी उचित देखभाल करो इसी में सबकी भलाई है।
सिंबल आफ नालेज बाबा साहब डॉ आंबेडकर के विचारों को अपना कर चलो बुद्ध धम्म अपनाओ 💐 शर्वश्रेषट इंसान बनो 💙🙏👩‍🎓
जय भीम जय संविधान नमो बुद्धाय🙏💙

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