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Wednesday, 19 October 2022

औरत • ज़िंदगी • आज़ादी

#ZanZendegiAzadi { women • life • freedom } के नारे के साथ पिछले तीन सप्ताह से चल रहा ईरान प्रोटेस्ट अब सरहदें भी पार करने लगा है. आज़ादी के इस आंदोलन की आहट यूरोपीय देशों मसलन बर्लिन, मैड्रिड, लंदन, रोम, अमेरिका वगैरह में साफ़ सुनाई देने लगी है जहां न सिर्फ़ नुक्कड़-चौराहों पर छोटी-बड़ी जन सभाएं हो रहीं हैं बल्कि ईरानी औरतों की एकजुटता में यहां की औरतें भी अपने बाल काट रहीं हैं.

"औरत • ज़िंदगी • आज़ादी" के इस आंदोलन में अब तक लगभग 100 से ज़्यादा जानें जा चुकी हैं (जिनमें औरत और मर्द दोनों शामिल हैं) लेकिन इनके जज़्बे में रत्ती भर फ़र्क़ नहीं आया है.. बल्कि खबरें तो ये हैं कि जहां ईरान के शासक आयतुल्लाह ख़ुमैनी ने अपने सैनिकों को आंदोलन के 'बर्बर दमन' का आदेश दे रखा है वहीं स्कूल की लड़कियां क्लास रूम में टंगी खुमैनी की तस्वीरों को पटककर लोगों में आज़ादी का नया जोश भर रहीं हैं..

...और लोगों का हाल यह है कि ईरानी 'मोरल पुलिस' के हाथों शहीद हुईं 22 साल की 'म्हासा आमीनी' का नाम वे कुछ इस अंदाज़ में ले रहे हैं जैसे, अपने देश में शाहीन बाग़ आंदोलन के दौरान लोग 'आज़ादी' - 'आज़ादी' चिल्लाते नहीं थकते थे.. .

#MahsaAmini


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