वैश्विक भूख सूचकांक (Global Hunger Index ) की सालाना रिपोर्ट में 121 देशों की सूची में भारत 107 वें स्थान पर खिसक चुका है.
जो देश 121 वें स्थान पर है वह आज सबसे भयंकर स्थिति में है भूख से लड़ने में.
सरकार के प्रचार-प्रसार और दरबारी मीडिया की नज़र में तो भारत उन्नति की सीढ़ियाँ चढ़ता जा रहा है.
फिर सच क्या है? क्या वैश्विक संस्थाएँ भारत को बदनाम करने के मिशन पर हैं. करोना काल में सर्वोच्च न्यायालय के दख़ल के बाद सरकारी मुफ़्त राशन योजना का लाभ क़रीब 80 करोड़ लोगों को देने का दावा किया गया. यह योजना हिमाचल प्रदेश और गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र इसी माह से आगे तीन माह के लिए विस्तार पा गई है.
जब सरकार मुफ़्त राशन उपलब्ध करा रही है ग़रीबों को तो फिर भुखमरी के सूचकांक में फिसलने का असल कारण क्या है?
हाल ही में भारी मात्रा में सरकारी लापरवाही के चलते सरकारी गेहूँ सड़ने की ख़बर आई थी. सरकार को पता लगाना चाहिए कि यह मुफ़्त राशन योजना कहीं बड़े भ्रष्टाचार के चंगुल में तो नहीं फँस चुकी है.
#globalhungerindex2022
No comments:
Post a Comment