Total Pageviews

Tuesday, 14 February 2023

Rupesh Kumar Singh की प्रेम पर जेल से लिखी यह कविता


----------------------------------------
*प्यार की सजा*
----------------------

मैंने किया प्यार,
जंगलों से, पहाड़ों से
वहां रह रहे आदिवासियों से
मूलवासियों से
मैंने किया प्यार,
अन्याय के खिलाफ
लड़ रहे लड़ाकूओं से
शोषण-दमन के खिलाफ
उठ रही आवाजों से
मैंने किया प्यार,
सुरक्षा बलों की गोलियों से मारे गए 
आदिवासियों के परिवारों से
सुरक्षा बलों की लाठियों से घायल हुए
 इंसानों से,
मैंने हर उस तबके से किया प्यार
जो शोषित थे, दमित थे, पीड़ित थे
जो लड़ना चाहते थे या लड़ रहे थे,
जो गरजना चाहते थे या गरज रहे थे
मैंने अपने प्यार को कभी छिपाया नहीं,
दुनिया को बताने के लिए
कि यही है मेरा प्यार
मैंने की रिपोर्टिंग, लिखे लेख,
और कई स्टेजों पर दिया भाषण,
मेरे प्यार ने उड़ा दी नींद
फासीवादी हूकूमतों की चैन 
छिन ली उनके सिपहसलार की
और अंततः मुझे मेरे प्यार से
जुदा करने की खातिर
कर लिया गया कैद
लेकिन शायद वे भूल गए
प्रेमी कैद की परवाह नहीं करते।

---रूपेश कुमार सिंह।

Ilika Priy के फेसबुक वॉल से

No comments:

Post a Comment