किसी ने सही लिखा है :-
कैसा है शमशान देख ले। चल मेरा खलिहान देख ले।
अगर देखना है मुर्दा तो, चलकर एक किसान देख ले।
सर्वनाश का सर्वे कर-कर, पटवारी धनवान देख ले।
मरहम में रख नमक लगाते सरकारी अहसान देख ले।
मानसून तक मनमाना है बस बेबस मुस्कान देख ले।
कुर्की की डिक्री पर अंकित, गिरता हुआ मकान देख ले।
कल पेशी है तहसील में, कोदो कुटकी धान देख ले।
सम्मन मिला कचेहरी से है, अधिग्रहण फरमान देख ले।
तस्वीरों के पार झाँक कर. गांवों का उत्थान देख ले।
आ डिजिटल इंडिया से बाहर आ, आकर हिन्दुस्तान देख ले।
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