हिदु वर्ष कुल बारह महीनों का होता है। हर महीने की गणना तीस दिन या 15-15 दिन के दो पक्षो यानि कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष से की जाती है। वर्ष की गणना सुर्य और चंद्रमा की चाल पर निर्धारित होती है। संपूर्ण हिंदु वर्ष में 355 दिन होते है। तीन साल में बाकी के 30 तीन एडजस्ट करके मलमास का वक्त माना जाता है,यानी औसतन 365 दिन का एक वर्ष!
इसे हम मुलतः विक्रम संवत के नाम से जानते है। महान राजा विक्रमादित्य के नाम पर हिदु वर्ष का नाम करण हुआ है। अधिकांश लोगो कि मान्यता के अनुसार फिलहाल हम 2077 विक्रम संवत में संचार कर रहे है।
वैसे अलग-अलग स्थितियों,तिथियों की भौगोलिक गणना के अनुसार हिन्दु या सनातन धर्म में मुलतः तीन नव वर्ष होते है।
इस्लाम में भी एक साल में बारह महीने होते है लेकिन उनका हर महीना लगभग 29 दिन का होता है। इस कारण एक साल कभी 355 दिन तो किसी वर्ष 354 दिन का हो जाता है। इस वजह से इस्लाम धर्म में हर साल, हर त्योहार कभी 10 तो कभी 11 दिन पीछे चले जाते है।
दुनियाभर में लगभग 4234 धर्म है। हर धर्म का अपना खुद का एक कैलेंडर (दिनदर्शिका) है। सभी का अपना साल, अपना महीना,अपना सप्ताह होता है। उसी कैलेंडर के हिसाब से जन्म,मरण,तीज, त्योहार सब का निर्णय होता है।
आज 01 जनवरी है,नये साल का पहला दिन है। कुछ मुढ धर्मिक लोग बकवास कर रहे है कि यह हमारा नव वर्ष नही है। यह हमारी संस्कृती नही है। यह तो ईसाई नव वर्ष है। यह तो अंग्रेजी नव वर्ष है।
यह अलग बात है कि खुद का जन्म दिन वे इसी तथाकथित अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से मनाते है लेकिन 01 जनवरी को नया साल मनाते समय इनको उबकाई आने लगती है।
आपको अचरज होगा,यह जानकर कि जो महाशय हमेशा संस्कृती,परंपरा की दुहाई देते रहते है। उनमे से 98.5% लोगो को ठीक-ठीक पता नही होता है कि संस्कृती और परंपरा किस चिड़िया का नाम है। बस Copy-Paste ज्ञान की गंगा में बहे जाते है।
आप को जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि साल को नापने के लिए ईसाई वर्ष जैसी कोई मुल गणना ही नही है। कुछ लोग जिसे ईसाई धर्म का वर्ष समझते है, उसका दावा करते है। वह ईसाई वर्ष है ही नही। वैसे यह गलत फहमी अधिकांश ईसाईयों को भी है, ऐसे में गैर ईसाईयों को क्या दोष देना ?
यह 365 दिन,06 घंटे और 25 मिनट की तो वैज्ञानिक कसौटी पर बनी एक वार्षिक गणना है,जिसे दिन मान के पैमाने पर खरा उतरने के बाद में युरोपीय देशो में रह रहे ईसाईयों ने अपना लिया था।
यह गणना पृथ्वी के सुर्य का चक्कर लगाने, साथ ही अपनी धुरी पर घुमने और अपने उपग्रह चंद्रमा के चक्कर लगाने की गणना पर निर्भर है। यह पूर्णतया एक वैज्ञानिक अनुसंधान पर निर्भर एक पैमाना है। इस का ईसाई या किसी भी धर्म से मुलतः कोई लेना देना नही है।
इस लिए बंधुओं बहकावे में मत आओ,अपनी अकल लगाओ!
😆जय हिंद 🇮🇳
-धीरज फूलमती सिंह
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