•••••••••••••••••••••••••••••
क्या कृष्ण ने सचमुच रणभूमि में अर्जुन से यह सब कहा, जिसे व्यास ने लिखा?
इस सारे उपदेश का नतीजा क्या हुआ ? अर्जुन ज्ञानी हो गया और लडने लगा। यानी ज्ञानी वह जो हमेशा लडने को तैयार रहे । पर दुर्योधन तो पहले से ही लडने को तैयार था। यानी बुरा आदमी अच्छे आदमी से ज्यादा ज्ञानी होता है। यह बात मेरे गले नही उतरती।
गीता न कृष्ण ने कही, न व्यास ने लिखी , गीता को फेडरेशन आफ इन्डियन चेम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष ने लिखा है या पैसे देकर लिखवाया है । प्रमाण मुझे मिल गया है
गीता में लिखा है - 'कर्मण्यवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' - अर्थात तुम्हारे अधिकार में सिर्फ़ काम करना है, तुम फल की इच्छा मत करो
हे मजदूरों भगवान का आदेश है कि काम करते जाओ, तनख्वाह मत मांगो यह उपदेश मजदूरों की हडताल तोडने के काम आ सकता है .
~ निठल्ले की डायरी
हरिशंकर परसाई
No comments:
Post a Comment