चार साल बाद बेरोजगार अग्निवीरों को क्रांतिपथ पर चलना ही होगा। आज जो सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर रहे है, कल रक्षा करना होगा और कॉर्पोरेट निजी संपत्ति को भी सामाजिक संपत्ति बनाने के पथ पर चलना होगा, तभी उनका भविष्य सुरक्षित हो पायेगा। देर- सवेर उन्हें सही फैसला लेना ही होगा, मजदूरों किसानों के साथ मिल कर लुटेरी पूंजीवादी व्यवस्था को इतिहास के कूड़ेदान में फेकना ही होगा।
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