आत्मा को
अपने हाथों से धोना चाहिए
इसलिए नहीं कि
वह बहुत नाजुक होती है
और रगड़े जाने पर उसमें खून आ जाएगा
इसके उलट
वह बेहद मजबूत कपड़े से बनी होती है
और उसे धोने का
एक ही तरीका है कि
उसे हाथों से धोया जाए
एक घरेलू साबुन लें
अच्छा होगा कि सबसे सस्ता वाला
ब्लीच , फैब्रिक सॉफ्टनर
सब भूल जाइए
किसी आत्मा को इनकी जरूरत नहीं होती
थोड़ी देर तक उसे भिगोकर रखें
ताकि जिद्दी दाग हट जाए
हट जाए तेल , कीचड़ , चटनी सॉस के निशान भी फिर उसे रगड़िए निचोड़िये
और सूखने के लिए धूप में टांग दीजिए
इस्तरी करने की कोई जरूरत ही नहीं है
अगर इस तरह से धोएंगे
तो आप बरसों बरस पहन सकते हैं
अपनी आत्मा
यह जो आपकी देह है न यही दुनिया है-
यह एक अड़ियल स्कूल है
और आत्मा
इसका आदर्श यूनिफॉर्म.............
आंद्रिआना लिस्बोआ( ब्राजीली कवयित्री)
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