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Sunday, 4 September 2022
लहरों की कहानी
इन हाथों से कील उठेगा न खंजर ये बाजू मिरे आजमाए हुए हैं।
साहिल से सुना करते हैं लहरों की कहानी,
ये ठहरे हुए लोग बग़ावत नहीं करते।
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