Total Pageviews

Wednesday, 7 September 2022

एमपी में घोटाले का खुलासा

संवाददाता / भोपाल
केंद्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा के लोग तमाम विपक्षी दलों एवं नेताओं को भ्रष्ट साबित करने की कोशिशों में जुटे रहते है। भाजपा और केंद्रीय जांच एजेंसियां विपक्षी दलों के सत्ता वाले राज्यों और विपक्षी नेताओं के हर काम में मीन-मेख ढूंढने का प्रयास कर रही है। इसी दौरान एमपी में एक ऐसे घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसके आगे बिहार का चारा पोटाला चवन्नी बन गया है। एमपी के ऑडिटर जनरल की आडिट रिपोर्ट में राशन घोटाले का खुलासा हुआ है, जो कि पूरे 'रुपए के बराबर बताया जा रहा है। इसके बाद लोग लालू के 'लफड़े से बड़े एमपी के लफड़े को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान का मजाक उड़ा रहे हैं और कह रहे हैं कि 'मामा भांजों का भोजन ही खा गए।

मध्य प्रदेश का महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश में विभिन्न जिलों में रहनेवाले तीन साल की उम्र के बच्चों गर्भवती व स्तनपान करानेवाली माताओं और ११ से १४ वर्ष के आयु वर्ग में स्कूल से बाहर की किन्नोरियों की पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरक पोषण आहार के तहत टेक होम राशन बांट रहा है। इसमें बड़े घोटाले का खुलासा मध्य प्रदेश ऑडिटर जनरल की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। खास बात ये है कि यह विभाग अभी खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है। दरअसल, विभाग मे २०१८-२५ के दौरान २३१३ का ४.०५ मीट्रिक टेक होम राशन लगभग १.३५ करोड़ लाभार्थियों को बोटा, लेकिन टेक होम राशन की ऑडिट रिपोर्ट मैं खुलासा हुआ कि इसके परिवहन उत्पादन, वितरण और गुणवत्ता में गड़बड़ी की गई है। इस योजना के तहत बाटा जाने वाला टेकहोम राशन  बड़ी मात्रा में सिर्फ कागजों में बांट दिया गया।

ऑडिटर जनरल ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि *बाइक, कार, ऑटो और टैंकर के नंबरों को ट्रक का बताकर* राशन बनानेवाली फर्मों से करीब ६.९४ करोड़ का ११२५.६४ मीट्रिक टन राशन परिवहन दिखाया गया। साथ ही इसके टेक होम राशन के उत्पादन और वितरण के रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी सामने आई है। यहां उत्पादन के लिए कच्चा माल, बिजली की खपत की तुलना में राशन का असंभव उत्पादन किया गया है। रिपोर्ट में करीब *५८ करोड़ का नकली उत्पादन* किया गया। प्रदेश के चार, माला, रीवा, सागर और शिवपुरी में यह गड़बड़ी देखने को मिली है। यहाँ चालान जारी करने की तारीख पर टेक होम राशन के स्टॉक में अनुपलब्धता होने के बावजूद लगभग ८२२ मीट्रिक टन टेक होम राशन सप्लाई कर दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार स्कूल नहीं जानेवाली छत्राओं की संख्या का बिना बेसलाइन सर्वे कर ही राशन बाट दिया और स्कूल शिक्षा विभाग के ९ हजार बच्चों की संख्या को न मानते हुए बिना सर्वे के ३६ लाख से ज्यादा संख्या मान ली। 

No comments:

Post a Comment