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Tuesday, 19 April 2022

वेनेजुएला को बर्बाद करने वाला अमेरिका अब वेनेजुएला से भीख क्यों मांग रहा है



यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान के चलते अमेरिका और नाटो सदस्य देशों ने मास्को पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं। इसको लेकर वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने पश्चिमी देशों पर रूस को "विखंडित" करने के प्रयास का आरोप लगाया है। मादुरो के नेतृत्व में वेनेजुएला भी  2019 से कठोर अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।

"वे [पश्चिमी देश] आर्थिक, राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से रूस के खिलाफ एक बड़े युद्ध के लिए तैयार हैं। वेनेजुएला से, हम इसकी निंदा करते हैं," मादुरो ने शुक्रवार को टेलीविजन पर दिए एक भाषण में कहा।

"वे रूस को खंडित करने, उसे टुकड़ों में नष्ट करने और बहुध्रुवीय दुनिया की आशा को समाप्त करने के लिए युद्ध करना चाहते हैं।"

दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को बाहर किए जाने को लेकर हालिया मतदान की भी निंदा की है।

इस संबंध में वेनेजुएला के विदेश मंत्री फेलिक्स प्लासेनिया का भी बयान सामने आया है। रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निकाले जाने पर उन्होंने कहा है कि, "ऐसे कदम बातचीत के लिए आवश्यक माहौल को नष्ट करते हैं, जिसके चलते वैश्विक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और शांति को गंभीर खतरा पहुँच रहा है।"

ज्ञात हो कि अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई दौर के प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे वेनेजुएला  तेल उद्योग एवं उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसके अलावा अमेरिका और यूरोपीय देशों ने मादुरो के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जुआन गुएडो का खुलकर समर्थन किया और मादुरो को सत्ता से बेदखल करने की तमाम कोशिश भी की।

वर्तमान में नाटो और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों सहित कई देशों ने यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान के जवाब में मास्को पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं। यूरोप कच्चे माल और ऊर्जा जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर रूस पर निर्भर है। अमेरिका रूसी ऊर्जा न लेने के लिए यूरोप पर दबाव डाल रहा है। ऐसे में यूरोप और अमेरिका के अधिकारी अब वेनेजुएला के सामने तेल पाने के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। हाल में इस संबंध में काराकासी में अमेरिकी अधिकारियों ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से मुलाकात भी की है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि यदि वेनेजुएला सीधे अमेरिका को तेल उपलब्ध कराता है तो उसे प्रतिबंधों में छूट दी जाएगी। 

वाशिंगटन ने जहाँ हालिया वार्ताओं में वेनेजुएला में निष्पक्ष राष्ट्रपति चुनाव कराने और वेनेजुएला की जेलों में बंद अमेरिकियों की रिहाई के लिए दबाव डाला है, वहीं मादुरो मुख्य रूप से प्रतिबंधों को व्यापक रूप से हटाने की मांग पर अड़े हैं । ऐसे में देखना होगा कि क्या "रूस-यूक्रेन विवाद" के चलते उभरे नए वैश्विक राजनीतिक हालात में वेनेजुएला अपना राष्ट्रीय हित तलाश पाता है या नहीं!

गौतम कश्यप


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