नारी अधिकार और स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए अपना बलिदान देने वाली देश की पूर्व सांसद, लोकप्रिय नेता वीरांगना फूलन देवी की हत्या करने वाले शेर सिंह राणा पर फिल्म आ रही है। देश के सभी जागरूक लोगों को इस फिल्म का विरोध करना चाहिए। यह फिल्म देश की व्यवस्था पर एक जोरदार तमाचा है। इस फिल्म को नहीं रोका गया तो देश का बच्चा-बच्चा सड़कों पर आएगा।
शेर सिंह राणा को किस लिए हीरो बनाया जा रहा है क्या इसलिए कि वीरांगना फूलन देवी पिछड़ी जाति की थीं या इसलिए कि उन्होंने वर्ण व्यवस्था और ऊंच-नीच पोषण करने वाली ब्राह्मणवादी व्यवस्था और ब्राह्मण-वैदिक मत से त्रस्त आकर बुद्ध की शरण में जाकर बौद्ध मत स्वीकार कर लिया था।
कहां सो रहे हो तथाकथित बहुजनवादी, पिछड़ावादी पार्टियों के नेताओं डूब कर मर क्यों नहीं जाते।
शेर सिंह राणा को हीरो बनाने का प्रयास करने वाली इस फिल्म का विरोध अभी तक किसी भी देश के बहुसंख्यक समाज की पार्टी अर्थात पिछड़े, दलित और आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली पार्टी ने नहीं किया।
मैं फिल्म निर्माता, डायरेक्टर, सेंसर बोर्ड सभी को चेतावनी देता हूं कि हमारे समाज की शान वीरांगना फूलन देवी के हत्यारे को हीरो बनाने वाली यह फिल्म तुरंत वापस होनी चाहिए अन्यथा अच्छा नहीं होगा।
~संतोष शाक्य
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