_"आज सुबह हमारे बारे में हुए फैसले से पूरी दुनिया के अत्याचारियों में ख़ुशी छा गयी है, और शिकागो से लेकर सेण्ट पीटर्सबर्ग तक के पूँजीपति आज दावतों में शराब की नदियाँ बहायेंगे। लेकिन, हमारी मौत दीवार पर लिखी ऐसी इबारत बन जायेगी जो नफ़रत, बैर, ढोंग-पाखण्ड, अदालत के हाथों होने वाली हत्या, अत्याचार और इन्सान के हाथों इन्सान की ग़ुलामी के अन्त की भविष्यवाणी करेगी। दुनियाभर के दबे-कुचले लोग अपनी क़ानूनी बेड़ियों में कसमसा रहे हैं। विराट मज़दूर वर्ग जाग रहा है। गहरी नींद से जागी हुई जनता अपनी ज़ंजीरों को इस तरह तोड़ फेंकेगी जैसे तूफ़ान में नरकुल टूट जाते हैं।"_
शिकागो के अमर शहीदों को लाल सलाम!
दुनिया के मजदूरों एक हो !!
मई दिवस जिन्दाबाद !!!
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