अटल गौमांस और भैंसा दोनों खाते थे.
सरहद पार की बीफ-कचौरियां,और लखनऊ का टुंडा कबाब (भैंसे वाला) उनका पसंदीदा था.......... ।
ब्राह्मण समाज ऐसे व्यक्ति को विधर्मी नही कहता है
अटल जी को व्हिस्की बेहद पसंद थी.
भंगेड़ी भी थे.
उनके लिए उज्जैन से भांग आती थी.
लेकिन अटल जी क्योंकि ब्राह्मण मानते हैं इसलिए वो विवेकवान और संस्कारी राजनेता बने रहे
अटल जी के अनुसार वो 'अविवाहित जरूर थे,लेकिन कुंवारे नहीं थे' यानी बिना विवाह के उन्हें स्त्री संसर्ग बनाये रखने में कोई दिक्कत नहीं थी.
उन्होंने इस बात को साबित भी किया. वह राजकुमारी कौल के साथ आजीवन बिना विवाह के रहे.
उन्होंने राजकुमारी कौल समेत उनके पति और उनकी बेटी को भी गोद ले लिया था. सुचितावादी ब्राह्मण ऐसी औरत को 'रखैल' और ऐसे आदमी को ' छिनरा ' कहते हैं.
लेकिन अटल जी को ब्राह्मण मानते हो इसलिए तुम्हारे द्वारा कोई प्रवचन नही किया गया क्यों ?
बलराज मधोक के अनुसार,अटल जी 'पद्दू' यानी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की हत्या में शामिल थे. उन्होंने अपनी आत्मकथा में इसके पक्ष में कई दलीलें दी हैं.
लेकिन ब्राह्मण समाज अटल बिहारी को ब्राह्मण का हत्यारा नहीं मानता हैं और उन्हें ब्रह्महत्या का पापी नहीं कहता है.
सिर्फ इसलिए क्योंकि वो उन्हें ब्राह्मण समझते हैं ।
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