कश्मीरी पंडितों पर हल्ला बोल मचाने वालों
भारत के अंदर सबसे अधिक अत्याचार आदिवासियों पर हुआ है।
हर महीने दर्जनों गांव और हजारों आदिवासियों को अपनी ही जमीन से बेदखल किया जाता है।
नक्सल मिटाने के नाम पर, खनन करने के नाम पर, अभयारण्य में जानवरों की सुरक्षा के नाम पर, बांध के नाम पर।
में फ़िल्म के खिलाफ नही हूँ कुछ भी बनाओ कोई दिक्कत नही है
दिक्कत मुझे यहां है ये भी फ़िल्म बनी थी और तुम जैसे कुत्तो ने इनका विरोध क्या फ़िल्म को चलने नही दिया कियु
जय भीम,शुद्र द राइजिंग,आर्टिकल 15, मुलाकरम द बेस्ट टैक्स, सरपट्टा ,परियेरम पेरुमल,असुरन, काला, सेराठ, फ़्रेंडी,
ये सारी फ़िल्म भारत मे हो रहे अत्याचार के ऊपर बनी हुई है
आप एक बार देखो में वादा करता हूँ आपकी आंखों से आँशु बहना बंद नही होंगे
कश्मीर ही कियु सारे भारत मे हो रहे अत्याचार को देखो
कश्मीर द फाइल ही कियु
एक मूवी पुलवामा हमला पर भी बनाओ पता तो लगे 350kg rdx आया कहा से
"द कश्मीर फाइल्स "पर आज सच का भाषण मारने वाले 2007 में गुजरात दंगों पर बनी फिल्म
#परजानिया को बैन कर चुके हैं।
क्या गजब की नौटंकी और गजब का दोहरापन है
ये है विवेक अग्निहोत्री जिन्होंने ने द कश्मीर फाइल फिल्म बनाई है।लेकिन इन्होंने इस फिल्म को पूरा क्यों नही बनाया जैसे की
(१) उस समय देश में सरकार किसकी थी
(२) उस सरकार को किसका राजनीतिक पार्टी का समर्थन था
(३) उस समय देश के प्रधान मंत्री कौन थे
(४)राष्ट्रपति कौन थे
(५)कश्मीर के राज्यपाल कौन थे
इन सारी सच्चाई को क्यों छुपाया गया।
क्या ये किसी राजनीतिक पार्टी के समर्थन में फिल्म बनाई गई है या किसी राजनीतिक पार्टी बदनाम करने के लिए बनाई गई है।
इसका जवाब विवेक अग्निहोत्री को जरूर देना चाहिए
फिर 1990 में ऐसा क्या हुआ कि उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा?
राज्य का शासन उस समय जगमोहन चला रहे थे।
राज्य सरकार बर्खास्त थी। केंद्र की सरकार बीजेपी के समर्थन से चल रही थी।
आर एस एस , विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ये सभी तो 1990 से पहले बन चुके थे..
तो फिर ये कश्मीरी पंडितों को बचाने क्यों नहीं गए..!
Obc sc st जागो
जय आदिवासी जय मूलनिवासी जौहर
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