- पाकिस्तान में भी जेएनयू के जैसे स्टूडेंटस है और वो लोग JNU में लगने वाले “आज़ादी” के नारे जैसे नारे इस वक़्त देशभर में घूम-घूम कर लगा रहे है..! लेकिन उनको वहाँ लोग यहाँ के भक्तों की तरह गालियाँ नहीं दे रहे है क्योंकि वहाँ की अवाम जानती है कि स्टूडेंट्स अपने हक़ों के लिए लड़ रहे है..! पाकिस्तान के इन साथियों क्रांतिकारी लाल सलाम..!
https://fb.watch/c4hQqAPj5r/
आया देश विक्रेता
देखो आया देश विक्रेता....
#नहीं_चाहिए_भाजपा
https://www.facebook.com/100010017579581/posts/1371567559853817/
आओ बच्चे तुम्हे.........
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डॉ दूधनाथ द्वारा रचित यह गीत जिसे समीक्षा जी ने गाया है। अभी बिना साजबाज के पहला प्रयास है। आप सबकी प्रतिक्रिया का इंतजार है।
https://youtu.be/Itr3x8OijzU
CITU का गीत
https://fb.watch/c4gG3T4w69/
Comrade
#कॉमरेड एक सरल शब्द है।
#ipta
ये गीत बंगाल के सुप्रसिद्ध जनगीत शिल्पी कंकंन भट्टाचार्य ने गाया है बांग्ला में । इसका हिंदी अनुवाद किया है इप्टा के वरिष्ठ कलाकार Manimay Mukherjee ने। बेशक सुनने में यह बांग्ला उच्चारण की वजह से थोड़ा अनुवाद की तरह ही लगता है लेकिन इसकी सरलता दिल को छू लेती है।
इसे ज़्यादा लोगों तक पहुँचाएँ।
Vineet Tiwari
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किसानों के नाम ✊️
गौहर रज़ा साहब की नज़्म ।
#FarmersProtests
मुक्तिकामी गीतों के लिए पूरी दुनिया में पहचान क़ायम करने वाले अमेरिकी सिंगर बॉब डिलन का मशहूर गीत 'मास्टर्स ऑफ़ वॉर' को गाया है बरेली की मेधावी छात्रा श्रेया ने। अमेरिका में 60 के दशक में बॉब डिलन ने अपने गीतों के मार्फ़त एक क्रांतिकारी चेतना का प्रसार किया था। अपने गीतों को वो खुद लिखते रहे हैं। उन्हें नोबल पुरस्कार भी मिल चुका है।
पूरा गीत इस प्रकार है-
Come you masters of war
You that build all the guns
You that build the death planes
You that build all the bombs
You that hide behind walls
You that hide behind desks
I just want you to know
I can see through your masks.
You that never done nothin'
But build to destroy
You play with my world
Like it's your little toy
You put a gun in my hand
And you hide from my eyes
And you turn and run farther
When the fast bullets fly.
Like Judas of old
You lie and deceive
A world war can be won
You want me to believe
But I see through your eyes
And I see through your brain
Like I see through the water
That runs down my drain.
You fasten all the triggers
For the others to fire
Then you set back and watch
When the death count gets higher
You hide in your mansion'
As young people's blood
Flows out of their bodies
And is buried in the mud.
यह गीत एक आम हिंदुस्तानी के मन की बात है।
ये लूट अब और नहीं चलेगी। सुनें और सुनाएं।
पलायन के गीत
"खाली पेट नंगे पांव
कैसे पहुँचा अपने गाँव"
https://fb.watch/c1yWCgtInT/
अपना पसिनवा से मुलुक बनाबे बाला, अपने मुलुकबा बेहाल रे बिदेसिया
बिदेसिया 2020 (रिवर्स माइग्रेसन के गीत)
स्वर : चंदन तिवारी
रचना : संजय सिंह
विडियो : अनिमेष वर्मा
हम सब याद रखेंगे!
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं। भीमसेन जी का यह एनिमेशन ऐतिहासिक है ।यू ट्यूब पर है। उन्हीं के बेटे हैं किरीत खुराना। कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। खुराना साहब ने मज़दूरों के विस्थापन पर एक एनिमेशन बनाया है। फ़िल्म अभिनेत्री तापसी पन्नु ने अपनी आवाज़ दी है।
#save #NepalBoarder
#nepal
चली आवो छोड़ के शहरिया........
यह गीत सुनिए, और सोचिये जिनके दम पर शहर हैं चलते, वो चलने को क्यों बेहाल।
गीत साभार: कल्पना पटवारी (बिहार)
●लगे हांथ 'संसद' का भी निजीकरण कर दे..●
भाजपा सरकार के द्वारा कोयला खदानों, हवाईअड्डों, डिफेंस, इसरो इत्यादि के निजीकरण के फैसले के सवाल पर सुनिए संजीबा को।
Wo Muslmano se Boht Darta Tha
وہ مسلمانوں سے بھت ڈرتا تھا
वो मुसलमानो से बहुत डरता था
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का ये गीत जरूर सुने
Hum Inquilab Hain
साभार : नव जवान संघर्ष ग्रुप।।
Lazim hai ki hum dekhenge
कहब तो लग जाई धक् से, धक् से
इसके बोल सामाजिक कुरीतियों पर ज़ोरदार प्रहार करते हैं। उसी प्रहार में एक मर्म भी छुपा हुआ है।
इस गीत को आर्टिकल 15 फ़िल्म में शामिल किया गया है।
कहब तो लग जाई धक् से
बड़े-बड़े लोगन के बंगला दो बंगला
और भैया झूमर अलग से
कहब तो लग जाई धक् से
हमरे गरीबन के झोपड़ी जुलुम्बा
बर्सेला पानी तो छत से गिरे टप्प से
कहब तो लग जाई धक् से
बड़े बड़े लोगन के पूरी और रबड़ी
और मिनरल वाटर अलग से
कहब तो लग जाई धक् से
हमरे गरीबन के चटनी और रोटी
पानी पीएं बालू वाला नल से
कहब तो लग जाई धक् से
बड़े बड़े लोगन के जीन्स और पैंट भैया
और भैया कोट अलग से
कहब को लग जाई धक् से
हमरे गरीबन के कुर्ता जुलुमवा
पहने तो फ़ट जाए चर्र से
कहब तो लग जाई धक् से
बड़े बड़े लोगन के स्कूल- कॉलेज
और भैया ट्यूशन अलग से
कहब तो लग जाई धक् से
बड़े बड़े लोगन के संघी और साथी
और भैया सरकार अलग से
कहब तो लग जाई धक् से
हमरे गरीबन के यूनियन जुलम्बा
बोले तो लाठी पड़े ठक्क से
कहब तो लग जाई धक् से
इंकलाबी मजदूर केन्द्र के साथियों द्वारा गाया गया गीत 'जनता के आवे पलटनिया' जरूर सुनिए।
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