Total Pageviews

Sunday, 13 March 2022

कश्मीर फाइल्स

कश्मीर फाइल्स पर बनी फिल्म के माध्यम से अब देश भर में सांप्रदायिकता के जहर को और भी व्यापक और तीखा बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में बेहतरीन चुनावी फसल काटी जा सके।

कश्मीर फाइल्स का प्रायोजित सत्य
सवाल एक नहीं कई हैं, 

1.उस वक्त केन्द्र में वी पी सिंह की सरकार थी.

2.उस समय कांग्रेस विरोध पर बनी और भाजपा समर्थन पर टिकी सरकार थी.

3.उस समय जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन थे जो भाजपा के आदमी थे. कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से बाहर लाने की योजना उन्ही की थी.

4. आश्चर्य है, इस मसले पर तत्कालीन भाजपा/संघ/वीएचपी आदि राष्ट्र भक्त दलों ने कोई धरना, प्रदर्शन, घेराव, कोई भूख हड़ताल,यात्रा आदि का आयोजन किया हो, ऐसा याद नही आता. 

5. उस समय इस मसले को भाजपा या भाजपाई सांसदों ने संसद में कितना उठाया, कब उठाया या इस पर कितने सवाल उठाए इसकी भी तसदीक़ पुराने दस्तावेजों से की जा सकती है.

6.यह जरूर सुना था कि कश्मीर में सख्त कदम उठाने के लिए जगमोहन के सुझाव पर कश्मीरी पंडितों को बाकायदा कश्मीर से बाहर लाया गया था ताकि वहां सेना को और अधिक अधिकार दिए जा सकें.

7.    हां ये जरूर याद है वह दौर  भाजपा के रामजन्मभूमि आन्दोलन का दौर था. उन दिनों भाजपा पूरे देश में रथयात्रा निकाल रही थी, जगह जगह दंगे हो रहे थे. राममंदिर को लेकर यत्र- तत्र- सर्वत्र यात्राओं का दौर था. पिछड़े और दलितों के शासन में भागीदारी के मंडल फार्मूले के जवाब में बीजेपी कमण्डल थ्योरी खेल रही थी.

 इसी के कुछ समय के बाद एच. डी.देवगौड़ा के प्रधानमन्त्रित्व में जम्मू और कश्मीर में आम चुनाव हुए थे. जम्मू और कश्मीर के सभी उग्रवादी गुटों ने आम चुनाव का बहिष्कार किया हुआ था. तब केन्द्र से अधिकारी कर्मचारी चुनाव कराने के लिए जम्मू-कश्मीर भेजे गए थे. केन्द्रीय सरकारी अधिकारी होने के नाते आम चुनाव के लिए मैं भी जम्मू और कश्मीर भेजा गया था. यह मेरी प ली चुनावी ड्यूटी थी,सैकड़ों सरकारी अधिकारी/कर्मचारी  चुनाव ड्यूटी के लिए कश्मीर भेजे गए थे. करीब एक महीने के लिए मैं पीठासीन अधिकारी के रुप में कश्मीर में अलग- अलग जगहों पर तीन चुनावी ड्यूटियां करता रहा था . इस दौरान हमलोग चौबीसों घन्टे राष्ट्रीय रायफल (आर.आर.) और बीएसएफ जवानों के साथ ही रहे थे. इस दौरान  कश्मीर और कश्मीरियत को लेकर रक्षा-कर्मियों और अधिकारियों  के साथ-साथ संपर्क में आए स्थानीय लोगों से कई बार विस्तृत बातचीत होती रहती थी. लेकिन इस बात की कोई भनक भी तब तक भीतर बाहर कंही नही थी........ 
तो क्या ये प्रायोजित सत्य है.... 


कश्मीर फाइल्स को लेकर स्क्वार्डन लीडर की पत्नी ने कहा फ़िल्म झूठी कहानी है, इससे मुझे ऑब्जेक्शन हैं..
पूरी बात सुनिए और समझिए..







No comments:

Post a Comment