इस पोस्ट में ब्राह्मण से तात्पर्य सिर्फ वे ब्राह्मण हैं जो जातिगत भेदभाव के पोषक हैं।
#uninterrupted_frauds_of_brahmins
"कश्मीर फाइल्स" फिल्म को बनाने में I am Buddha नामक संगठन का आर्थिक रूप से बहुत योगदान है। इस एनजीओ को विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी नामक ब्राह्मणों ने कोविड के काल में शुरू किया था। इस संस्था ने पूरी दुनिया से डोनेशन, चैरिटी के लिए आह्वान किया तथा बताया कि इस धन का इस्तेमाल शिक्षा, शोध, संगीत, पुस्तक लेखन, प्रकाशन, ऑडियो वीडियो लाइब्रेरी के लिए किया जाएगा। इसमें भारतीय मूल्यों (असलियत में ब्राह्मणी चालबाजियों) का लालन-पालन किया जाएगा। यह एनजीओ ब्राह्मणों द्वारा, ब्राह्मणों के लिए चलाया जाता है। इसका उद्देश्य ब्राह्मणवादी राज्यव्यवस्था का निर्माण करना है।
प्रश्न है कि इन ब्राह्मणों का उद्देश्य अगर ऐसा है तो ये लोग अपने संगठनों का नाम I am Buddha की बजाय I am Shiva या I am Brahma या I am Hanuman या I am Falaana/Dhimaaka ऐसा क्यों नहीं रखते हैं।
I am Buddha से बुद्ध के नाम का इस्तेमाल करके ये लोग बौद्ध राष्ट्रों, यूरोप, अमरीका के Buddhist Charity के आकर्षण को भुना रहे हैं और उसका इस्तेमाल हिंसा/नफरत फैलाने में करते हैं। इसका अर्थ है कि ब्राह्मण अपनी छवि, धन का इस्तेमाल न करके भी स्वहित साध लेता है और ऐसा करते हुए ब्राह्मणों की बजाय समस्त हिंदुओं से आह्वान करता है कि वे इस फिल्म को जरूर देखें। इससे वह जो पैसा बनाएगा उसका इस्तेमाल पुनः ब्राह्मणी नफरती विचारों को फैलाने में लगाया जाएगा। इसी पैसे का इस्तेमाल करके दिल्ली फाइल्स नामक प्रोपोगंडा फिल्म की घोषणा भी वह कर चुका है।
संक्षेप में कहें ब्राह्मणों के राजनैतिक प्रोपोगंडा के लिए भी दूसरों की छवि, धन और भावनाओं का दोहन किया जाएगा।
~ Tanaji Kamble
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